आनंद
- 7 Posts
- 61 Comments
भीग गई मैं सर से जिगर तक,
होली के इस रंग में |
चेहरा रंगा है दिल भी रंग उठा,
जाने किस-किस रंग में ||
किसका-किसका रंग पड़ा है,
याद नहीं मेरे तन पर |
पर एक रंग बड़ा चटकीला,
जो है पड़ा मेरे मन पर ||
भर पिचकारी मुझ पर मारी,
सिहरन उठी अंग-अंग में |
चेहरा रंगा है दिल भी रंग उठा,
जाने किस-किस रंग में ||
कल तक तो थी बिल्कुल कोरी,
ये अपनी काया |
होली आई उनकी हो ली,
जब उनको पाया ||
देख कर ये रंगीली होली,
नाच उठी मैं उमंग में |
चेहरा रंगा है दिल भी रंग उठा,
जाने किस-किस रंग में ||
Read Comments